राजस्थान सरकार ने उप-प्रधानाचार्य पद किया समाप्त, वरिष्ठ व्याख्याता पद किया सृजित

जयपुर: राजस्थान के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा बदलाव करते हुए सरकारी स्कूलों में उप-प्रधानाचार्य पद को समाप्त कर दिया है और इसे “डाइंग कैडर” घोषित किया है। यह कदम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के गहलोत शासन के फैसले को पलटते हुए लिया गया है। इसके स्थान पर व्याख्याताओं के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने हेतु एक नया वरिष्ठ व्याख्याता (सीनियर लेक्चरर) पद सृजित किया गया है।

वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद जारी किए गए शिक्षा विभाग के आधिकारिक आदेश के अनुसार, निम्नलिखित प्रमुख बदलाव किए गए हैं:
- उप-प्रधानाचार्य पद समाप्त: उप-प्रधानाचार्य पद को अब “डाइंग कैडर” घोषित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि इस पद पर अब कोई नई नियुक्ति नहीं होगी और रिक्त पदों को भरा नहीं जाएगा।
- वरिष्ठ व्याख्याता पद सृजित: शिक्षकों की पदोन्नति की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए नया वरिष्ठ व्याख्याता पद सृजित किया गया है। यह पद राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियमों के तहत वेतन स्तर L-14 पर रखा गया है।
- पदोन्नति के अवसर: वरिष्ठ व्याख्याता पद पूरी तरह से पदोन्नति के माध्यम से भरा जाएगा। वे व्याख्याता जो वेतन स्तर L-12 पर हैं और जिनके पास न्यूनतम तीन वर्षों का अनुभव है, वे इस पद के लिए पात्र होंगे।
बीजेपी सरकार द्वारा नीतिगत बदलाव

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रशासन को मजबूत करने के लिए उप-प्रधानाचार्य पद की शुरुआत की गई थी। हालांकि, वर्तमान भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस पद को समाप्त कर दिया है और इसके स्थान पर एक ऐसा ढांचा स्थापित किया है जो प्रशासनिक पदों की बजाय शैक्षणिक सुधारों पर केंद्रित है।शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय राजस्थान में विद्यालय नेतृत्व की संरचना को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा। जबकि कुछ शिक्षकों ने इस कदम का स्वागत किया है क्योंकि इससे शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ने की संभावना है, वहीं कुछ लोगों ने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रशासनिक नेतृत्व की कमी को लेकर चिंता जताई है।
जैसे-जैसे राजस्थान का शिक्षा तंत्र इन बदलावों से गुजरेगा, शिक्षक और शैक्षिक हितधारक इस नीति परिवर्तन के प्रभावों पर निकटता से नजर रखेंगे।
अधिक जानकारी के लिए देखें: राजस्थान शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार आधिकारिक वेबसाइट






